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Monday, May 17, 2010

दुःख

.....आज का मनुष्य अपने दुःख से इतना दुखी नहीं है जितना की वेह दुसरे के सुख और उन्नति से दुखी है.
.....अहंकार करने से इश्वर की कृपा खत्म हो जाती है और केवल दुःख ही मिलता है।
.....आवेश में आकर कभी भी कोई काम नहीं करना नहीं तो दुःख के सिवा कुछ नहीं मिलेगा।
......इंसान जहां जहां बेबस है, वहां वहां वो दुखी है।
गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश