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Wednesday, January 7, 2009
अमृत वाणी
वीर वह हे जो दुशमन की दुष्टता को मिटाए और अपना बना ले , दुशमन की दुष्टता को मिटा दे दुशमन को नहीं !
दुनिया कि चीज़ओं से जब आप कठोर हो जायें तो सतसंग में जाओ और ढीले हो जाओ !
पूज्य सुधांशुजी महाराज
२९-१०-०८ के टी वी प्रवचन से
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