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Sunday, January 11, 2009
संतुलन
संतुलन
हमारी जिन्दगी दो किनारों के बीच चलती हे ,कभी दुख कभी सुख ,कभी मान कभी अपमान , कभी लाभ कभी हानि ,संतुलन बना कर रहो और मन को शांत रखो !
पूज्य सुधांशुजी महाराज
३१-१०-०८ के टी वी प्रवचन से
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