AdSense code

Sunday, March 23, 2008

आत्मकल्याण के सूत्र

  • आत्मकल्याण के सूत्र
  • शुन्य के साथ कितने भी शुन्य जोडों लेकिन उनका कोई मूल्य नहीं।
  • इसी प्रकार संसार की सारी भौतिक संपदा आपके पास हो लेकिन परमात्मा के बिना उसका कोई मूल्य नहीं।
  • उपयोगी है :
    (१) भोजन, जो पच जाय।
  • (२) धन, जो जीवन में काम आए।
  • (३) रिश्ता, जिसमें प्रेम हो।
  • भगवान् यदि परिक्षा लेता है तो पहले योग्यता भी देता है।
  • वह व्यक्ति धरती की शोभा बनता हे जो अवसर को पहचाने और जीवन की सबसे कीमती वस्तु समय को व्यर्थ न जाने दें।
  • एकांत और मौन व्यक्ति को महान बनाता है।
  • बुराई इसलिए नहीं पनपती कि बुरा करने वाले लोग बढ़ गये हैं वरन इसलिए पनपती है कि उसे सहन करनेवाले लोग बढ़ गये हैं।
  • संगठित होकर किसी महान लक्ष्य को पाने का मूलमंत्र है एक दुसरे को सह लेना।
    पूज्य सुधान्शुजी महाराज