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Tuesday, April 13, 2010

तन और आत्मा

जब आपका तन आपके लिये ही बोझ हो गया, तो समझ लेना दुनिया के लिये तो पहले होगा!

.जब तक आत्मा है, तब तक शरीर कि कीमत है, मुर्दे को कोई हाथ भी लगाना नहीं चाहता!

गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश