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Monday, April 12, 2010

तन और आत्मा

.जब आपका तन आपके लिये ही बोझ हो गया, तो समझ लेना दुनिया के लिये तो पहले होगा!

.जब तक आत्मा है, तब तक शरीर की कीमत है, मुर्दे को कोई हाथ भी लगाना नहीं चाहता!

गुरुवर सुधांशुजी महाराज के प्रवचनांश