Subject: [Suvichar - Good Thoughts by Param Pujya Sudhanshuji Maharaj] पाप
- पाप में जब आदमी की मनोवृति बिगड़ जाती है तब पाप होते हैं !
- जब रोटी खाने बैठो तो सोचो यह कैसे कमाई की रोटी है !
- इतने सहन शील मत बन जाओ की दुष्ट अपनी दुष्टता से आपको दुःख देते जायं !