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Thursday, September 18, 2014

ऐ मालिक तेरे बंदे


Anil Singh
ऐ मालिक तेरे बंदे हम, 
ऐसे हो हमारे करम
नेकी पर चले, 
और बदी से टले, 
ताकी हसते हुये निकले दम

ये अंधेरा घना छा रहा, 
तेरा इन्सान घबरा रहा
हो रहा बेख़बर, 
कुछ ना आता नज़र, 
सुख का सूरज छुपा जा रहा
हैं तेरी रोशनी में जो दम, 
तो अमावस को कर दे पूनम

बड़ा कमजोर हैं आदमी, 
अभी लाखों हैं इस में कमी
पर तू जो खड़ा, 
हैं दयालू बड़ा, 
तेरी क्रिपा से धरती थमी
दिया तूने हमें जब जनम, 
तू ही झेलेगा हम सब के गम

जब जुल्मों का हो सामना, 
तब तू ही हमें थामना
वो बुराई करे, 
हम भलाई भरे, 
नहीं बदले की हो कामना
बढ़ उठे प्यार का हर कदम 
और मीटे बैर का ये भरम.