अच्छे संस्कार
संत पुरूष समझाते हें की बचपन से ही अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दो, उन्हें नियम पर चलना सिखाओ ,उन्हें बाँट कर खाना,मिलकर रहना,सबकी सहायता करना ,और प्रभु सिमरन करना सिखाओ !
संत पुरूष समझाते हें की बचपन से ही अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दो, उन्हें नियम पर चलना सिखाओ ,उन्हें बाँट कर खाना,मिलकर रहना,सबकी सहायता करना ,और प्रभु सिमरन करना सिखाओ !
अपना हिस्सा खालेना प्रकृति ,
दूसरों का हिस्सा भी खाजाना विकृति ,
अपना हिस्सा भी दूसरों को दे देना संस्कृति ,कहलाती है !