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Sunday, July 6, 2014

Fwd: [Suvichar - Good Thoughts by Param Pujya Sudhanshuji Maharaj] स्मरणीय

स्मरणीय



समय का नाश सर्वस्य का नाश है ,इसलिए इस बहुमूल्य निधि को व्यर्थ न गवाएँ १जो समय व्यर्थ चला गया वह पुन; प्राप्त नहीं होगा !समय का उपयोग ऐसे करें की शारीरिक ,आत्मिक और सामाजिक स्तर पर आप उन्नत हो सकें ! आपके कर्मों की सुगंध लंबे समय तक महकती रहे ! आप समय को अच्छाई की सुगंध या बुराई की सुगंध में बदल सकते हैं ! जो समय चला गया उस के लिय मत रोओं और उसका विचार भी मत करो ! व्यक्ती कितना भी बीते समय को याद कर कर के रता रहे , जो बीत गया सो बीत गया ! वह लौटकर वापिस नहीं आएगा ! अत: वर्त्तमान को सभालो !
पूज्य sudhaanshu ji mahaaraaj