हम सब मिलकर अपने मन को प्रभु से जोड़े और मिलके प्राथना करते है . प्राथना में बहुत शक्ति है कोई भी प्राथना जब हम करे शब्दों का खेल नही हृदये का मेल हो और हमारी आत्मा की गहराई तक कोई चीज़ छु सके इसकी चेष्टा करे ...गुरुवचन
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