Kishor Katyal |
अपनी शिकायत केवल भगवान से करे!
जब भी शिकायत प्रकट करनी हो तो दुनिया के सामने नही, भगवान के सामने करनी चाहिए, दुनिया वाले तो आप पर हंसे गे। पराये लोग धोखा दें या पीड़ा दें तो दर्द कम होता है, अपने पीड़ा दें तो दर्द बहुत अधिक होता है।
कहते हैं एक सुनार और लुहार की दुकान साथ-साथ थी। एक दिन सोने का कण टूटा और छिटक कर लुहार की दुकान पर जा गिरा। सोने का कण लोहे के कण से बात कर रहा, 'तुम पर भी चोट पड़ रही है मुझ पर भी चोट पड़ रही है, फिर तुम इतना शोर क्यों करते हो'। लोहे ने कहा 'ध्यान से देख तू सोना है तुझ पर चोट करने वाला लकड़ी या लोहे का हथोड़ा है, मेरे साथ हालत उल्टी है। मुझे लोहे का हथोड़ा ही चोट कर रहा है, भाई को भाई मार रहा है। मेरे तो तन पर भी चोट लग रही है और मन पर भी चोट लग रही है '। जब अपना चोट / पीड़ा देता है तो तकलीफ ज्यादा होती है।
इसलिए केवल भगवान ही सच्चा साथी है।
जब भी शिकायत प्रकट करनी हो तो दुनिया के सामने नही, भगवान के सामने करनी चाहिए, दुनिया वाले तो आप पर हंसे गे। पराये लोग धोखा दें या पीड़ा दें तो दर्द कम होता है, अपने पीड़ा दें तो दर्द बहुत अधिक होता है।
कहते हैं एक सुनार और लुहार की दुकान साथ-साथ थी। एक दिन सोने का कण टूटा और छिटक कर लुहार की दुकान पर जा गिरा। सोने का कण लोहे के कण से बात कर रहा, 'तुम पर भी चोट पड़ रही है मुझ पर भी चोट पड़ रही है, फिर तुम इतना शोर क्यों करते हो'। लोहे ने कहा 'ध्यान से देख तू सोना है तुझ पर चोट करने वाला लकड़ी या लोहे का हथोड़ा है, मेरे साथ हालत उल्टी है। मुझे लोहे का हथोड़ा ही चोट कर रहा है, भाई को भाई मार रहा है। मेरे तो तन पर भी चोट लग रही है और मन पर भी चोट लग रही है '। जब अपना चोट / पीड़ा देता है तो तकलीफ ज्यादा होती है।
इसलिए केवल भगवान ही सच्चा साथी है।