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Thursday, May 23, 2013
Fwd: [AMRIT VANI ] मन की शान्ति (भाग ५ )
किसी प्रकार के विकार मन में मत आने दो ।
ज्यादा से ज्यादा सेवा कार्य करो !
क्षमा करने का गुण अपनाओ !
उतावलापन और चनचलता छोडो !
हमेशा नियमित रहो !
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