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Monday, October 19, 2009

Pawan Deepmala



दीपावली का ये पावन पर्व प्रति वर्ष हमारे लिये एक अत्यंत कल्याणकारी सन्देश लेकर आता है हम घर का कोना कोना साफ करते है पर अपने मन को जरा भी साफ नहीं करते प्रति वर्ष हम रात्रि को दीप जलाते है पर अपने ज्ञान दीप को नहीं जलाते ये चिंतन का विषय है कि क्या ३६४ दिन प्रतीछा करने के बाद ये पर्व सिर्फ इस लिये आता है कि हम रात्रि होने पर दीपक जलाये वो तो हम रोज जलाते है और पटाखे छुडाये मिठाई खाए बस इससे तो इस पर्व का महान बनाने वाला सन्देश ही प्रकट नहीं होता
दीपावली ये महान सन्देश लेकर आई है कि हम अपने मन को व्यर्थ संकल्पों विकल्पों और अशुद्ध संकल्पों से हटा कर परमात्मा कि याद में लगाये और अपने दीप ( आत्मा ) को परमात्मा कि सक्तियों ( शांति, प्रेम, आनंद, शहनशीलता, पवित्रता, अंतर्मुखता, विनम्रता, हर्शित्मुखता.........) का आह्वान करे और आपने आत्मा रुपी दीप को प्रभु शक्तियों कि दीप्ति से भरपूर कर लीजिये