दीपावली का ये पावन पर्व प्रति वर्ष हमारे लिये एक अत्यंत कल्याणकारी सन्देश लेकर आता है हम घर का कोना कोना साफ करते है पर अपने मन को जरा भी साफ नहीं करते प्रति वर्ष हम रात्रि को दीप जलाते है पर अपने ज्ञान दीप को नहीं जलाते ये चिंतन का विषय है कि क्या ३६४ दिन प्रतीछा करने के बाद ये पर्व सिर्फ इस लिये आता है कि हम रात्रि होने पर दीपक जलाये वो तो हम रोज जलाते है और पटाखे छुडाये मिठाई खाए बस इससे तो इस पर्व का महान बनाने वाला सन्देश ही प्रकट नहीं होता
दीपावली ये महान सन्देश लेकर आई है कि हम अपने मन को व्यर्थ संकल्पों विकल्पों और अशुद्ध संकल्पों से हटा कर परमात्मा कि याद में लगाये और अपने दीप ( आत्मा ) को परमात्मा कि सक्तियों ( शांति, प्रेम, आनंद, शहनशीलता, पवित्रता, अंतर्मुखता, विनम्रता, हर्शित्मुखता.........) का आह्वान करे और आपने आत्मा रुपी दीप को प्रभु शक्तियों कि दीप्ति से भरपूर कर लीजिये