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Monday, February 2, 2009

दुर्भाग्य




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    नम्बर ४१९

    दुर्भाग्य जब आता हे प्रिस्थिति खराब हो जातीं हें ,और ईनसान अकेला पड जाता हे !

    छिपते सूरज को देख कर लोग दरवाजे बन्द कर लेते हें इसी प्रकार दुर्भाग्य के समय सब पराये हो जाते हें

    पूज्य सुधांशुजी महाराज

    ६-११-०८ के टी वी प्रवचन से


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Posted By Madan Gopal Garga to Anand Dhamm Mumbai Maharashtra at 2/02/2009 05:33:00 AM