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Saturday, July 12, 2008

[Suvichar - Good Thoughts by Param Pujya Sudhanshuji Maharaj] krodh




  • संतोष और शान्ती सब से बड़ा सुख है !
  • आपके अन्दर क्रोध के रूप में यम् बैठा है -इस लिय क्रोध रूपी यम् को मत बुलाओ !