- १ ] दुसरों को सुधारने का उपदेश देना जितना सरल है , स्व्यं को सुधारना उतना ही कठिन है !
- २] किसी के गुणों को बढाने वाले बने ,दोशों का बखान न करें !
- ३] सग्रंह करता जाये और आनन्द मना न पाये ऐसा व्यक्ति अभागा है और वह व्यक्ति भाग्यशाली है जो भगवान की देन के प्रति हर रोज शुक्र मनाये और आनन्द मनाये !